नारियल को इसका पेड़ भी कहा जाता है। धार्मिक कार्यों के लिए इसे बहुत पवित्र माना जाता है। कुछ नारियल में बीज भी होते हैं, जिन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है। साथ ही कुछ नारियल के बीजों को पुत्र का रूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिनके बच्चे नहीं हैं या जो पुत्र की इच्छा रखते हैं, वे पूरे अनुष्ठान में नारियल के बीज का उपयोग करके प्रजनन क्षमता प्राप्त कर सकते हैं।
बच्चों को नारियल के बीज से बाहर निकालने के लिए सोमवार के दिन विशेष उपाय करने चाहिए। सोमवार को जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। अब “ओ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। फिर अपने मन की बात भगवान शिव से करें। अब नारियल को शिवलिंग के पास रख दें। यहां देसी घी का दीपक जलाएं। अब “ओ नमः शिवाय” मंत्र से शिवाजी का पाठ करें।
फिर नारियल के बीज शिवाजी के पास रख दें। बीज न हो तो शिवलिंग के पास नारियल ही रख सकते हैं। शिवलिंग पर नारियल और नारियल के बीज रखने का महत्व शास्त्रों में बताया गया है। अब शाम को नारियल या उसके बीज को एक कटोरी गंगाजल में डाल दें।
अगले दिन यानि मंगलवार के दिन हनुमानजी का ध्यान करें और इस बीज को गाय के दूध के साथ सेवन करें। ध्यान रहे कि नारियल के बीजों को चबाकर नहीं बल्कि पूरा निगल लेना चाहिए। नारियल के बीज का उपचार सोमवार के दिन ही करना चाहिए।